अंधभक्त किसे कहते हैं – नमस्कार उन सभी लोगों को जो ,,andhbhakt kise kehte hai,, जानने के लिए आएं हैं। अगर आपको भी नहीं पता कि अंधभक्त कौन होता है, तो आज के पोस्ट,, अंधभक्त किसे कहते हैं ,, मदद से आप जान जाएंगे अंधभक्त किस तरह के होते हैं।
हम लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और हम लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने आसपास के संबंधी एवं समाज में क्या चल रहा है वह जानने के लिए करते हैं। लेकिन कभी-कभी इन सोशल मीडिया पर एक शब्द ,,अंधभक्त,, काफी चलता है. इस शब्द से बहुत से लोग काफी परेशान हो जाता है जिनसे वह गाली देने लगते हैं।
आए दिन Facebook, twitter, whatsapp पर यह शब्द काफी इस्तेमाल किए जाते हैं. आखिर इस शब्द का इस्तेमाल करने से क्या फायदा मिलता है ? इस शब्द को कुछ लोग पढ़ते ही बड़ा बखेड़ा शुरू कर देते हैं।
अगर आपको भी नहीं पता कि अंधभक्त शब्द से लोग क्यों चिढ़ जाते हैं ? आखिर इस शब्द को बोलने के बाद विवाद क्यों होने लग जाता है ? यह सब आपको नहीं पता है तो आज के इस आर्टिकल ,,अंधभक्त किसे कहते हैं,, मैं आपको पूरी जानकारी दी जाएगी।
Disclaimer – andhbhakt kise kehte hai.
यह पोस्ट ,,अंधभक्त किसे कहते हैं,, पाठकों के लिए सिर्फ जानकारी देने के लिए लिखा गया है। और यह पुरी तरह से समझाने के लिए लिखा गया है। पार्टी, दल, फोटो, व्यक्ति का नाम, लेखक ने समझाने के लिए उपयोग किया है। पोस्ट में किसी पार्टी, दल, जाति, समुदाय या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं है। इस पोस्ट के लेखक किसी पार्टी का समर्थन नहीं करता और ना ही बढ़ावा देता है।
इस पोस्ट के लेखक मैं ,,अभिषेक कुमार,, और मेरा उम्र 17-18 है। कहीं भी कोई गलती हो तो आप लोग माफ जरूर करें। पोस्ट पढ़ने के बाद गलत शब्द का इस्तेमाल ना करें. यह सिर्फ और सिर्फ जानकारी देने के लिए लिखा गया है।
अंधभक्त किसे कहते हैं.
अंध भक्त शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर किसी धर्म या फिर जाति में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आजकल के समाज में ज्यादातर अंधभक्त शब्द का इस्तेमाल राजनीति में किया जाता है। आज हर धर्म के लोग अंधभक्त किसे कहते हैं जानने के लिए इच्छुक है।
अगर हम अपने शब्दों में या फिर आपके शब्दों में कहे कि अंधभक्त कौन होता है ? अंध भक्तों वो होता है जिसकी आंखें ना हो और वह फिर भी भगवान की पूजा करते हैं, भगवान की सेवा करते हैं वह अंधभक्त है।
कुछ दिन पहले आप जब गूगल पर सर्च कर रहे होंगे कि अंधभक्त किसे कहते हैं तब एक site नजर आ रही थी उस site में बताया गया था अंध भक्तों का मतलब जो कि मैं नीचे बता रहा हूं।
अंधभक्त किसे कहते हैं – अंधभक्त तीन आत्माओं से बना होता है, इंसान, गधा और कुत्ता इन तीनों के मेल से एक अंधभक्त पैदा होता है।
लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि अंधभक्त कैसे बनता है यह अंधभक्त को परिभाषित करने का गलत तरीका है।
आपने देखा होगा आप जिस समाज में रह रहे हैं वहां के लोग कुछ ऐसे होते हैं जोकि अंधविश्वास पर आशा रखते हैं. ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपने काम को ना करते हुए दुसरे लोगों के कहने पर किसी देवी-देवताओं पर आश्रित हो जाते हैं तो ऐसे लोगों को भी हम अंध भक्त कहते हैं।
अब फिर हम तीसरी नजर से अंधभक्त का मतलब देखें तो वह लोग भी अंधभक्त हैं जो कि काला जादू और टोटके पर ज्यादा विश्वास करते हैं और वह अपने कामों पर ज्यादा ध्यान ना दे कर इन सभी बातों पर ही ध्यान देते हैं वह लोग भी एक प्रकार से अंधभक्त ही हैं।
ऊपर मैंने जितने भी उदाहरण दिए हैं यह हमारे आसपास के मोहल्ले या समाज में ज्यादातर इसका मतलब यही होता है लेकिन हमने तो ऊपर समाज की बात की अब हम आपको बताएंगे राजनीति में अंधभक्त किसे कहते हैं।
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राजनीति में अंधभक्त किसे कहते हैं.
आपने अंधभक्त किसे कहते हैं ? और इसे राजनीति में क्यों इस्तेमाल किया जाता है यह जानने के लिए आए है. तो अब मैं यही बताने वाला हूं कि राजनीति में अंधभक्त कौन होता है।
आप लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, Facebook, instagram, Twitter, whatsapp पर अंधभक्त शब्द का इस्तेमाल और इनको पढ़ पढ़ कर आप काफी पक या फिर थक चुके होंगे. तभी आपने यह जानने की कोशिश की कि अंधभक्त अंधभक्त किसे कहते हैं?
हम यहां किसी राजनीति पार्टी का नाम नहीं लेंगे. हम आपको 2 लोगों के उदाहरण दें समझाते हैं।
उदाहरण – एक गांव था वहां दो चुनाव चिन्ह था जिससे दो लोग मुखिया बनने के लिए खड़े होते थे। पहला था ,, टेबल छाप,, और दूसरा था ,, कलम दवात छाप,,
अब चुनाव आता है अब गांव वालों को एक अच्छा मुखिया चुनने का अवसर आ जाता है उससे पहले एक मुखिया था जिसका चुनाव चिन्ह था ,,टेबल छाप,, यह पिछले कई सालों से मुखिया पद में रहा आता है।
फिर चुनाव आता है और इसके टक्कर में ,,कलम दवात छाप,, रहता है। जब यह कलम दवा छाप और टेबल छाप दोनों मुखिया बनने के लिए खड़े होते हैं तो इसमें से कलम दवात छाप जीत जाता है।
और यह कई सालों तक मुखिया बनते ही जा रहे थे। तो इसके विरोधी हो गए ,टेबल छाप,. टेबल छाप के जो समर्थक थे वह समर्थक लोग कलम दवात छाप के कामों का समर्थक करने वाले को अंधभक्त कहने लगे जिससे कलम दवात छाव के समर्थक चिढ़ने लगे इस शब्द से।
अब कलम दवात छाप के जो समर्थक थे वह समझते थे कि कलम दवात छाप कई सालों से अच्छे काम एवं विकास का काम करते आ रहे हैं और टेबल छाप विकास का काम नहीं करते थे वह बल्कि लोगों को बुद्धु बनाने में थे।
और टेबल छाप के जो समर्थक थे वह लोग समझते थे कि टेबल छाप ही अच्छा काम करते हैं और कलम दवात छाप गलत काम करते जा रहे हैं और इनसे गांव में विकास नहीं हो रहा है।
टेबल छाप के समर्थक समझने लगे कि यह कलम दवात छाप के लोग बिना सोचे समझे कलम दवात छाप को वोट दे रहे हैं तो इसलिए इसका नाम हम अंधभक्त रख देते हैं और हम इसे अंधभक्त के नाम से बुलाएंगे।
तो मैंने अभी ऊपर ही बोला था कि हम किसी पार्टी का नाम नहीं लेंगे। लेकिन यहां हम राजनीति पार्टी में अंधभक्त किसे कहते हैं बता रहे हैं तो इसमें हमें पार्टी का नाम तो लेना ही पड़ेगा इसलिए हमें गलत या फिर हीन भावनाओं से ना देखें एवं समझे।
हमारे देश की राजनीति में जो लोग बीजेपी और माननीय श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के समर्थक है उसे विरोधी लोग अंधभक्त के नाम से बुलाते हैं।
अगर हम अपने भाषा में बोले तो बीजेपी के हर विचार और फैसले को बिना विचार विमर्श किए उसे सही समझते हैं तो उन लोगों को हम अंधभक्त कहते हैं। जिससे बीजेपी में सही फैसले लेते हैं तो भी लोग उसे अंधभक्त कहते हैं।
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मोदीजी के समर्थक को अंधभक्त क्यों कहते है.
वैसे तो हम अपने आसपास और समाज में इस्तेमाल किए जाने वाले अंधभक्त शब्द का मतलब मैंने ऊपर बताया लेकिन राजनीति में जो अंधभक्त का इस्तेमाल किया जाता है वह मोदी जी पर किया जाता है मतलब कि मोदी जी के समर्थक जो है जो मोदी जी को समर्थन करते हैं उन लोगों को अंधभक्त कहते हैं।
मोदी जी के समर्थकों को ही क्यों अंधभक्त कहा जाता है. अंध भक्त तो हम किसी भी पार्टी को कह सकते हैं ? देखिए मैंने आपको पर ही बताया कि जब लोग कोई काम करने में विफल रह जाते हैं या भ्रष्टाचार करते आए हैं और उसके साथी सही काम कर के आगे निकल जाते हैं तब उसके साथी से जलन पैदा होती है।
उसी प्रकार मोदी जी भी है मोदी जी सही काम करते आए हैं। 2014 से लेकर अभी 2022 चल रहा है. अभी तक बहुत ही अच्छे अच्छे काम किया है विकास के जिससे हमारा भारत भी बहुत ताकतवर हो गया है और भारत के रहने वाले लोग गर्व करते हैं मोदी जी पर।
पर भारत में ही रहने वाले कुछ ऐसे लोग भी हैं जो मोदी जी से बहुत ही जलते हैं कारण तो आपको पता ही होगा कि मोदी जी से क्यों जलते हैं लोग और वह कौन लोग हैं हम तो नाम नहीं लेंगे. आप खुद ही समझ जाइए।
हम लोगों से यही कहना चाहेंगे आप खुद सही काम करो और जो आगे सही काम कर रहा है उसे भी सपोर्ट करो ताकि उसे भी साहस मिल पाए और अच्छी तरह से काम कर पाए यह नहीं कि हम फलाना फलाना नाम से उसे बुलाएं और चिढ़ए।
मोदी जी को हमने देखा है कि लोग उसको कितना ही क्यों ना उसके प्रति अपशब्द का प्रयोग करें लेकिन मोदी जी ने जल्दी में कभी नहीं ऐसा कुछ बोला है जिससे कि बोलने वाले लोगों को कुछ बुरा लगे।
आज आप ही देखिए आज से 10 साल पहले हमारा भारत कैसा था और आज देखिए कैसा है आप खुद ही अनुभव करके यह पता लगा सकते हैं कि हमारा भारत कितना बदल गया है और कितना पावरफुल हो गया है।
इसलिए अच्छे काम करने वाले लोगों को हमेशा समर्थन कीजिए और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित लीजिए और उसके साथ-साथ आप भी आगे बढ़ने का प्रयास करें।
BJP कार्यकर्ता अंधभक्त है.
मेरे ख्याल से बीजेपी कार्यकर्ता अंधभक्त नहीं है और वह बिल्कुल सही रास्ते पर चला आ रहा है हां मैं मानता हूं मोदी जी कुछ ऐसे नियम एवं कानून बना दिए हैं जिनसे लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन नियम एवं कानून बनाने के साथ-साथ मोदी जी ने बहुत सी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध कराएं हैं।
अगर किसी व्यक्ति को लगता है बीजेपी गलत है या फिर कोई अन्य पार्टी गलत काम कर रहा है वह आगे विकास का काम नहीं कर रहा है और फिर भी यह सब जानते हुए वह वोट दे देता है तो हम उसे अंधभक्त कह सकते हैं और वह अंधभक्त ही होगा।
वही कोई आदमी भ्रष्टाचार मुक्त कर रहा है और विकास का काम कर रहा है और लोग यह बात जानते हैं कि विकास का काम कर रहा है फिर भी ऐसे लोग विकास के काम करने वाले पार्टी को वोट ना देकर कोई अन्य पार्टी को वोट दे देता है तो ऐसे लोग अंधभक्त होते हैं जो कि सही का पहचान करते हुए भी गलत कर देते हैं।
मैं तो यही कहूंगा जो पार्टी या इंसान सही काम कर रहा है और उसके काम को कोई आदमी गलत बता रहा है और गलत काम को सही बता रहा है ऐसा आदमी अंधभक्त हो सकता है और वह अंधभक्त ही है।
तो ऊपर के कुछ शब्दों से आप समझ गए होंगे कि राजनीति में अंधभक्त किसे कहते हैं। अंधभक्त हमारे आसपास के समाज में भी रहते हैं यानी के आसपास के मोहल्ले में भी रहते हैं लेकिन अगर हम उसे खुलकर अंधभक्त बोले तो उसे लग जाएगा।
यहां मैं सिर्फ राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं राजनीति से हटकर भी दुनिया है मैं उस दुनिया की भी बात कर रहा हूं जहां के लोग समझदार होते हुए वह गलत निर्णय लेते हैं।
राजनीति में अंधभक्त का आने का कारण.
आपको पता है राजनीति में सबसे ज्यादा अंधभक्त का इस्तेमाल किया जाता है। ऊपर हमने बताया कि समझदार इंसान जाओ सही को समझते हुए भी गलत को चुनते हैं तो वह एक अंधभक्त कहलाता है लेकिन राजनीति में BJP वालो को अंधभक्त क्यों कहा जाता है।
देखिए आप लोग, में यहां भारतीय जनता पार्टी का ही नाम ले रहा हूं और किसी अन्य पार्टी का नाम नहीं ले रहा हूं इसलिए अन्य पार्टी के लोग यहां भरकेंगें तो वह सही नहीं है।
BJP समर्थन के विचार.
मोदी जी 2014 में आए और 2014 में ही वह हमारे भारत के प्रधानमंत्री बने. उससे पहले हमारे भारत का स्थिति बहुत ही खराब था यानी कि उतना विकास नहीं हो रहा था हमारे भारत के गांवों एवं शहरों में लेकिन जब से मोदी जी आए तब से हमारा भारत कुछ क्या बहुत हद तक संभल चुका है। यह विचार BJP समर्थन के हैं।
मेरा मानना –
जो लोग बीजेपी के समर्थक हैं वह लोग बीजेपी पार्टी के तरफ से कुछ भी कहां एवं किया जाता है उसे देश हित में रखकर सही माना जाता है। फिर बीजेपी पार्टी कोई ऐसी बात भी कह देता है जिसका कोई अता पता नहीं उसे भी बीजेपी समर्थक सही मानते हैं और सपोर्ट करते हैं ऐसे मैं सही में बीजेपी वाले अंधभक्त हैं।
बीजेपी के समर्थक जितने भी हैं वह मानते हैं कि बीजेपी जो भी काम कर रहे हैं वह बिल्कुल सही कर रहे हैं और उन सभी काम को यह समर्थक लोग सही मानते हैं पर हम समर्थक लोगों से कहना चाहूंगा कि कुछ ऐसी बात है जो कभी कभार बीजेपी पार्टी के द्वारा बोली जाती हैं जिसके चलते दूसरे पार्टी के लोग भड़क जाते हैं तो इस बात पर भी ध्यान दें की बीजेपी पार्टी क्या बोलते हैं और क्या नहीं।
अब दूसरी बात है बीजेपी समर्थकों वाले लोगों के लिए। बीजेपी समर्थक कहते हैं कि जब नरेंद्र मोदी जी नहीं थे उससे पहले जो भी प्रधानमंत्री थे वह प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार करते थे और जो भी पैसे आते थे उन्हें अपने घर में भरते थे और कोई विकास का काम नहीं करते थे। तो ऐसा नहीं है इससे पहले जो भी सरकार थी वह भी काम करती थी उससे जितना हो सकता था वह भी किया और यह जो आप मान रहे हैं बीजेपी पार्टी के लोग यह सही नहीं है. सब अपनी अपनी जगह पर सही थे।
अन्य पार्टी के विचार –
हम अन्य पार्टी वो जो कि बीजेपी के समर्थक नहीं है यानी कि बीजेपी के बातों को गलत मानते हैं और कामों को गलत मानते हैं उन लोगों का मानना है, कि मोदी जी जब से आए हैं तब से देश को लूट लिए हैं देश में जो भी था वह सब बेच दिए हैं मोदी जी ने। ऐसे लोग जो मोदी जी को सपोर्ट करते हैं वह लोग अंधभक्त हैं यह मैं नहीं मान रहा हूं यह बीजेपी के विरोधी मान रहे हैं।
ऊपर की बातों से आप समझ गए होंगे कि राजनीति में आखिर लोग अंध भक्त शब्द का इस्तेमाल किस प्रकार करते हैं और किसके लिए करते हैं। अब हम बात करेंगे राजनीति से अलग दुनिया में क्या बोलते हैं अंधभक्त का मतलब।
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हिंदू धर्म में अंधभक्त किसे कहते हैं.
हिंदू धर्म में अंध भक्तों का मतलब बहुत से हो सकते हैं लेकिन हमने हिंदू धर्म में अनेक प्रकार के भक्तों का नाम सुना है जैसे कि, मातृ भक्त, गुरु भक्त। लेकिन हिंदू धर्म में अंध भक्तों का इस्तेमाल मैंने कभी किसी को करते हुए नहीं देखा है और सुना है।
हिंदू धर्म के अनुसार अंधभक्त वह है जिनके पास आंख कान और एक सही गलत की पहचान नहीं करने वाला व्यक्ति अंधभक्त होता है।
मुझे पता है आप होशियार हैं और इसे हिंदू धर्म में किस प्रकार बोले जाते हैं। यह अभी तक नहीं समझा है तो मैं फिर से बता देता हूं। जो लोग कोई भी बात को बिना तर्क की है या फिर तर्क कर भी लेते हैं और भाई जानते हैं कि वह गलत है तब भी उसे मान लेते हैं तो ऐसे लोग अंधभक्त कहलाते हैं।
मुस्लिम धर्म में अंधभक्त किसे कहते हैं.
मुस्लिम धर्म में अंध भक्तों का मतलब कुछ और ही मुस्लिम लोग मानते हैं। मुस्लिम धर्म में हिंदू राष्ट्र को समर्थन करने वाले को अंधभक्त कहा जाता है और हिंदू धर्म के काम करने वालों को अंधभक्त कहा जाता है।
अभी अयोध्या में राम मंदिर बना है यह राम मंदिर जो बना है इससे मुस्लिम लोग खुश नहीं है और इसका विरोध कर रहे हैं। राम मंदिर का निर्माण करने वालों को मुस्लिम धर्म के लोग अंधभक्त कहते हैं। और मैं भी एक राम भक्त हूं तो इस प्रकार से मैं भी एक अंधभक्त हूं।
अंधभक्त किसे कहते हैं – अंधभक्त 3 योनियों से मिलकर बने होते हैं इंसान, गधा और कुत्ता इन तीनों के सगंम से एक अंधभक्त बनता है।
ऊपर जो मैंने अंधभक्त का मतलब बताया, कुछ इसी प्रकार के अंधभक्त का मतलब राजनीति में समझे जाते हैं।
गूगल अंधभक्त किसे कहते हैं.
हमने ऊपर राजनीति एवं समाज के नजरिए से अंधभक्त का मतलब के बारे में जाना लेकिन वही गूगल के अनुसार अंधभक्त का मतलब कुछ और ही होता है चलिए वह भी हम आपको बताते हैं।
गूगल के अनुसार अंधभक्त वह हैं, जो इंसान और गधा, कुत्ता के मेल से पैदा या बनता है उसे अंधभक्त कहते हैं। यानी कि इन तीनों योनियों के संगम से जो पैदा होता है वह अंधभक्त कहलाता है ऐसे इंसान या कोई प्राणी जिसके पास गधे के बराबर दिमाग है लेकिन वह इंसान हैं फिर भी भोकते रहता है तो ऐसे व्यक्ति अंधभक्त कहलाते हैं।
अब आप समझ गए होंगे कि इसे राजनीति में किस प्रकार इस्तेमाल किया जाता है। राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर बीजेपी पार्टी पर किया जाता है. और जो लोग इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं वह लोग कुछ हद तक खुद ही अंधभक्त होते हैं इसलिए वह लोग दूसरों को अंधभक्त कहते हैं।
अंधभक्त का लक्षण कैसा होता है.
सवाल अब आ जाता है कि अगर हमारे सामने कोई व्यक्ति बैठा है तो हम यह कैसे पता कर सकते हैं कि वह अंधभक्त हैं एवं अंधभक्त के क्या लक्षण है? जिससे हम एक अंध भक्तों की पहचान कर सकें? यह सब भी मैं आपको अच्छी तरह से बता देता हूं।
जैसा कि ऊपर की जानकारियों को पढ़ने के बाद आपको अंधभक्त के बहुत से प्रकार देखने को मिल गए होंगे और उससे आप समझ ही गए होंगे कि अंधभक्त के क्या लक्षण है और एक अंधभक्त कैसा काम करता है।
अंधभक्त वह है जो इंसान हैं, फिर भी उसके पास सोचने समझने की शक्ति नहीं है. सोचने समझने की शक्ति होने के बावजूद भी वह सही गलत का पहचान करने के बाद भी गलत का ही समर्थन करता है। ऐसे प्राणी एक अंधभक्त होता है।
अगर आपके सामने कोई ऐसा व्यक्ति आ जाए जो सही गलत की पहचान करता हो और सही बात क्या है और सही काम किया है यह सब जानने के बाद भी वह गलत काम को बढ़ावा देता है तो समझ जाइए कि आपके सामने एक अंधभक्त बैठा है।
राजनीति के नजरिया से अगर हम अंधभक्त को देखे तो अंधभक्त बिल्कुल सही प्राणी है और इस शब्द का प्रयोग BJP के कार्यकर्ताओं पर इस्तेमाल किया जाता है और बीजेपी के कार्यकर्ता सही कामों का समर्थन करता है इसलिए राजनीति में अंधभक्त को सही मानता हूं क्योंकि वो अच्छे काम करते हैं।
लेकिन कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी अच्छे काम करने के साथ-साथ कुछ बुरे काम भी कर रहे हैं और उन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कृपया नीचे का वीडियो देखें।
FAQ. Andhbhakt kise kehte hai.
अंधभक्त शब्द से जुड़े कुछ सवाल आपके मन में जरूर होंगे। आप भी उन सवाल के जवाब का तलाश कर रहे होंगे। इसलिए मैं नीचे आपके जो मन के सवाल है उनका जवाब दे रहा हूं।
गोबर भक्त किसे कहते हैं ?
गोबर भक्त वे है, जिनके मन में दूसरों के प्रति आक्रोश करना या फिर सही काम को बढ़ावा देने वाले के बारे में भी उल्टी-सीधी बात करें वह गोबर भक्त कहलाते हैं। अंध भक्तों और गोबर भक्तों में कोई अंतर नहीं है। अंध भक्त और गोबर भक्त दोनों शब्दों का अर्थ एक ही होता है बस नजरिए की बात है।
अंधभक्त का पिता किसे कहते हैं ?
अगर हम गूगल के अनुसार अंधभक्त के पिता का नाम बोले तो वह है, इंसान, कुत्ता और गधा है. क्योंकि इन तीनों के मेल से एक अंधभक्त पैदा होता है और उस अंधभक्त का पिता यह तीनों प्राणी ही हैं। वही हम राजनीति के नजरिए से अंधभक्त के पिता का नाम बोले तो वो नरेंद्र मोदी जी हैं। मोदी जी को उनके समर्थक उनको आदर्श मानते हैं इसलिए मोदी जी के विपक्ष के लोग मोदी जी को अंध भक्तों के पिता कहते हैं।
अंधभक्त कितने प्रकार के होते हैं ?
अंधभक्त मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं. पहला – जिसके पास आंख नहीं हो वह फिर भी गुरु की भक्ति करता है वह एक अंधभक्त कहलाता है। दुसरा – जिसके पास शरीर होने के बावजूद वह अपने कामों को ना करने के बजाय दूसरे ढोंगी बाबा के बातों में रहते हैं वह भी एक अंधभक्त हैं। तीसरा – राजनीति में अंधभक्त के आंख कान नाक, शरीर के सभी अंग होते हैं फिर भी वह एक अंधभक्त होता है. क्यों ? क्योंकि वह सही काम करने वाले को समर्थन ना करते हुए वे दूसरे लोगों के बातों मैं आकर उसका बहिष्कार करते हैं वह लोग अंधभक्त हैं।
अंधभक्त की परिभाषा ?
गुगल के अनुसार, जो इंसान और गधा, कुत्ता के मेल से पैदा या बनता है उसे अंधभक्त कहते हैं। यानी कि इन तीनों योनियों के संगम से जो पैदा होता है वह अंधभक्त कहलाता है ऐसे इंसान या कोई प्राणी जिसके पास गधे के बराबर दिमाग है लेकिन वह इंसान हैं फिर भी भोकते रहता है तो ऐसे व्यक्ति अंधभक्त कहलाते हैं। अंधभक्त वह है जो इंसान हैं, फिर भी उसके पास सोचने समझने की शक्ति नहीं है. सोचने समझने की शक्ति होने के बावजूद भी वह सही गलत का पहचान करने के बाद भी गलत का ही समर्थन करता है। ऐसे प्राणी एक अंधभक्त होता है।
अंधभक्त कौन है ?
राजनीति के नजरिया से अगर हम अंधभक्त को देखे तो अंधभक्त बिल्कुल सही प्राणी है और इस शब्द का प्रयोग BJP के कार्यकर्ताओं पर इस्तेमाल किया जाता है और बीजेपी के कार्यकर्ता सही कामों का समर्थन ना कर उसका विरोध करते हैं वो एक अंधभक्त है। कुछ हद तक बीजेपी कार्यकर्ता भी अंधभक्त है।
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निष्कर्ष:-
दोस्तों अंधभक्त किसे कहते हैं इस पोस्ट में मैंने आपको अंधभक्त शब्द के बारे में पूरी जानकारी दी है और इसे कहां किस लिए प्रयोग किया जाता है मैंने यह भी बताया है। मैं एक राम भक्त हूं और जो लोग राम मंदिर के बनने पर उसका विरोध करते हैं मैं उन लोगों के नजरिए से मैं भी एक अंधभक्त हूं.
वही मैं अपने नजरिए से एक अंधभक्त नहीं हूं बल्कि अंधभक्त वह है जो हमें अंधभक्त बोल रहे हैं। तो दोस्तों अगर आप एक बीजेपी कार्यकर्ता हैं या फिर अन्य पार्टी के समर्थक हैं तो इस पोस्ट को अपनी साथियों के साथ भी शेयर करें इसके साथ-साथ सोशल मीडिया जैसे फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करें।
और एक बात बहुत से लोग इस पोस्ट को पढ़ने के बाद बहुत गुस्सा आ गए होंगे और वह गाली देने के मूड में होंगे मैं उन लोगों से कहना चाहूंगा कि वह गाली ना दें। कमेंट करने से पहले इस पोस्ट का disclaimer जरूर पढ़ें।
Disclaimer.
यह पोस्ट ,,अंधभक्त किसे कहते हैं,, पाठकों के लिए सिर्फ जानकारी देने के लिए लिखा गया है। और यह पुरी तरह से समझाने के लिए लिखा गया है। पार्टी, दल, फोटो, व्यक्ति का नाम, लेखक ने समझाने के लिए उपयोग किया है। पोस्ट में किसी पार्टी, दल, जाति, समुदाय या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं है। इस पोस्ट के लेखक किसी पार्टी का समर्थन नहीं करता और ना ही बढ़ावा देता है।
इस पोस्ट के लेखक मैं ,,अभिषेक कुमार,, और मेरा उम्र 17-18 है इसके साथ-साथ में student भी हुं। कहीं भी कोई गलती हो तो आप लोग माफ जरूर करें। पोस्ट पढ़ने के बाद गलत शब्द का इस्तेमाल ना करें. यह सिर्फ और सिर्फ जानकारी देने के लिए लिखा गया है।